गूगल, मेटा, अमेज़न अब के बाद भर्ती में भाग लेते हैं | topgovjobs.com
नई भर्तियां: बड़े पैमाने पर छंटनी के बाद कई बड़ी टेक कंपनियां अब नई भर्तियां करने की योजना बना रही हैं, लेकिन इसमें वे खर्चों में भी कटौती कर रही हैं।
टेक कंपनियों द्वारा नई भर्तियां: 2022 के बाद से, कई टेक कंपनियों ने वैश्विक मंदी की संभावना को देखते हुए बड़े पैमाने पर छंटनी की है। इसमें Google, Microsoft, Amazon, Meta जैसी कई कंपनियों के नाम शामिल हैं। कटौती के बाद अब इन कंपनियों ने हायरिंग की योजना बनानी शुरू कर दी है।
लेकिन इस हायरिंग की प्रक्रिया में भी कंपनियों ने अपने खर्चे कम करने के तरीके खोज लिए हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले कुछ महीनों से बड़े पैमाने पर छंटनी कर रही कंपनियां अब दूसरे देशों से अमेरिका में कम वेतन वाले कर्मचारियों की तलाश कर रही हैं और इसके लिए उन्होंने एच-1बी वीजा के लिए आवेदन किया है।
कई कंपनियों ने वर्कर्स के लिए एच1बी वीजा के लिए अप्लाई किया था
स्वतंत्र खोजी पत्रकार ली फांग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी श्रम विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चला है कि Amazon, Google, Microsoft, Meta, Zoom, Salesforce सहित कंपनियों ने हजारों H1B वर्कर वीजा के लिए आवेदन किया है। खास बात यह है कि इन सभी कंपनियों ने हाल के महीनों में बड़े पैमाने पर छंटनी की है। इसके बाद अब वह कई नए विदेशी कर्मचारियों को हायर करने जा रहा है। इसमें बड़ी संख्या में भारतीय कर्मचारी भी शामिल हैं।
मांग में कम वेतन वाले एच1बी कर्मचारी
इस रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि कंपनियां उच्च वेतन वाले लोगों की छंटनी करके ही कम वेतन वाले टेक कर्मचारियों की भर्ती कर रही हैं। उदाहरण के लिए, Google ने हाल ही में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की है। कंपनी ने जनवरी में इसकी घोषणा की थी। इसके बाद कंपनी ने अनुभवी सॉफ्टवेयर इंजीनियरों, सलाहकारों और शोधकर्ताओं के लिए एच1बी वीजा के लिए आवेदन किया। इसके अलावा गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट के स्वामित्व वाली वायमो ने भी इस तरह के वीजा के लिए आवेदन किया है।
Amazon ने H1B वर्कर वीजा के लिए किया आवेदन
जनवरी में 18,000 और मार्च में 9,000 कर्मचारियों की छंटनी के बाद गूगल के अलावा अमेजन की भी कर्मचारियों की नियुक्ति करने की योजना है। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कई कम वेतन वाले कर्मचारियों के लिए एच1बी वीजा के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा इस लिस्ट में माइक्रोसॉफ्ट का नाम भी शामिल है, जिसने हाल ही में अपने कुल वर्कफोर्स के 5 फीसदी यानी 10,000 कर्मचारियों को आउटपुट दिखाया है।