अब मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना के तहत भैंस की आपूर्ति की जा सकेगी | | topgovjobs.com
भोपाल : राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय’ कार्यक्रम में संशोधन करते हुए इसे ‘मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय’ कार्यक्रम के रूप में लागू किया. अब लाभार्थी की मंशा के आधार पर कार्यक्रम में डेयरी गायों के अलावा भैंसों की भी आपूर्ति की जा सकती है। साथ ही अब कार्यक्रम का लाभ बैगा विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया व भारिया को भी मिलेगा। इन जनजातियों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए लाभार्थी के अंशदान की राशि को 25% से घटाकर 10% कर दिया गया है।
पशुधन और डेयरी उत्पाद मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि प्रति पशुपालक को दो डेयरी गाय/भैंस दिए जाएंगे। 90% सरकारी सब्सिडी और 10% लाभार्थी योगदान होगा। खरीदे गए सभी पशुओं का बीमा किया जाएगा। दुग्ध मार्ग एवं समितियां मप्र दुग्ध संघ एवं पशुपालन विभाग बनेंगी।
वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 के लिए 750 गाय-भैंस आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 29.18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
गायों की आपूर्ति के लिए 1.89 लाख रुपये और भैंसों के लिए 2.43 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है। कार्यक्रम का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन और पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देना, नए रोजगार के अवसरों के माध्यम से लाभार्थियों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना और उच्च उत्पादक क्षमता वाले गोजातीय पशुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
कार्यक्रम छह जिलों डिंडोरी, उमरिया में लागू किया जाएगा। शाडोलबैगा विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए अनूपपुर, मंडला और बालाघाट, भारिया के लिए छिंदवाड़ा और ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी में गुनाअशोक नगर, श्योपुरकलासहरिया जनजाति के लिए मुरैना और भिंड। लाभार्थी को अपने नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान या डेयरी सहकारी समिति में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन जमा करना होगा। न्यूज नेटवर्क
पशुधन और डेयरी उत्पाद मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि प्रति पशुपालक को दो डेयरी गाय/भैंस दिए जाएंगे। 90% सरकारी सब्सिडी और 10% लाभार्थी योगदान होगा। खरीदे गए सभी पशुओं का बीमा किया जाएगा। दुग्ध मार्ग एवं समितियां मप्र दुग्ध संघ एवं पशुपालन विभाग बनेंगी।
वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 के लिए 750 गाय-भैंस आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 29.18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
गायों की आपूर्ति के लिए 1.89 लाख रुपये और भैंसों के लिए 2.43 लाख रुपये की राशि निर्धारित की गई है। कार्यक्रम का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन और पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देना, नए रोजगार के अवसरों के माध्यम से लाभार्थियों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना और उच्च उत्पादक क्षमता वाले गोजातीय पशुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
कार्यक्रम छह जिलों डिंडोरी, उमरिया में लागू किया जाएगा। शाडोलबैगा विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए अनूपपुर, मंडला और बालाघाट, भारिया के लिए छिंदवाड़ा और ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी में गुनाअशोक नगर, श्योपुरकलासहरिया जनजाति के लिए मुरैना और भिंड। लाभार्थी को अपने नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान या डेयरी सहकारी समिति में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन जमा करना होगा। न्यूज नेटवर्क